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Thursday, November 29, 2012

झील पर जमीं बर्फ... या झाग

जी हॉ चौंक गए ना आप, मगर यहॉ ना तो कोई बर्फ पड़ी है और ना ही पानी में बर्फ जमी है यह तो ओखला बैराज में कैमिकल का इतना पानी यमुना में गिर रहा है कि पूरी यमुना झाग से भरी हुई देखने पर लगता है कि यमुना में बर्फ जमीं है। यमुना में प्रदुषण का एक नजारा। आखिर कैसे होगी हमारी यमुना निर्मल?
जागरण से साभार 

Saturday, November 17, 2012

"मियाँ मैं शेर हूँ ... शेरों की गुर्राहट नहीं जाती ...

"मियाँ मैं शेर हूँ शेरों की गुर्राहट नहीं जाती
मैं लहजा नर्म भी कर लूँ तो झुँझलाहट नहीं जाती"
-मुनव्वर राना

हो सकता है आज लोग मेरी राय से सहमत न हो ... पर मेरे हिसाब से यह शेर बाला साहेब पर बिलकुल मुनासिब बैठता है !

Wednesday, November 14, 2012

काहे का बाल दिवस ???

आजादी के छह दशक से अधिक समय गुजरने के बावजूद आज भी देश में सबके लिए शिक्षा एक सपना ही बना हुआ है। देश में भले ही शिक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने की कवायद जारी है, लेकिन देश की बड़ी आबादी के गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने के मद्देनजर सभी लोगों को साक्षर बनाना अभी भी चुनौती बनी हुई है। ऐसे मे सवाल पैदा होता है कि काहे का बाल दिवस ???

Sunday, November 4, 2012

बेचारी हिन्दी ...

लो जी कर लो बात ... अब इंसान तो इंसान ... ससुरी मशीन भी अब हिन्दी को नीची निगाह से देखने लगे है ... आज मैनपुरी मे एक एटीएम मे गया तो वहाँ मशीन पर यह चिट लगी देख हैरत मे आ गया ... मैंने तुरंत अपने मोबाइल से इस का फोटो ले लिया !