हा हा हा ई कच्छाधारी आम आदमी को बुलाने का हिम्मत रखने के लिए कलेजा चाहिए जी ..आ इसके बिना काहे का सत्य का काहे का जयते । एकदम सन्नाट मारे हैं । जय हो जय जय हो
वीआईपी को भी पूछे जाने की संभावना कम है। लोगबाग तो यह सवाल भी उठा रहे हैं कि क्या अजहर,धर्मेंद्र और स्वयं आमिर की तलाकशुदा पत्नियों को बुलाकर उन्हें भी अपनी बात रखने का मौका कोई देगा?
हा हा हा ई कच्छाधारी आम आदमी को बुलाने का हिम्मत रखने के लिए कलेजा चाहिए जी ..आ इसके बिना काहे का सत्य का काहे का जयते । एकदम सन्नाट मारे हैं । जय हो जय जय हो
ReplyDeleteइस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - तीन साल..... बाप रे बाप!!! ब्लॉग बुलेटिन
ReplyDeleteha ha ha ...sahi hai
ReplyDeleteआम आदमी की कोई पूछ नहीं ... हा हा ... अच्छा है ..
ReplyDeleteवीआईपी को भी पूछे जाने की संभावना कम है। लोगबाग तो यह सवाल भी उठा रहे हैं कि क्या अजहर,धर्मेंद्र और स्वयं आमिर की तलाकशुदा पत्नियों को बुलाकर उन्हें भी अपनी बात रखने का मौका कोई देगा?
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