सुंदर और सार्थक चित्र। वर्तमान राजनीति में कॉमन मैन को रिझा कर मुर्ख बनाने की होड लगी है सारी पार्टियों में। एकाध बच्चे को दूसरे चार-पांच ताकतवर बच्चे परेशान करते हैं और जब वह जोर-जोर से रोने लगता है, चिल्लाने लगता है तो चुप करने की होड लगती है। वैसा ही आभास आपके चित्र से होता है और वर्तमान में आम आदमी की स्थिति भी वैसे ही है। आपने एक चित्र में हजारों बातों को समेटा है। drvtshinde.blogspot.com
आज की ब्लॉग बुलेटिन आम आदमी का अंतिम भोज - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteसुंदर और सार्थक चित्र। वर्तमान राजनीति में कॉमन मैन को रिझा कर मुर्ख बनाने की होड लगी है सारी पार्टियों में। एकाध बच्चे को दूसरे चार-पांच ताकतवर बच्चे परेशान करते हैं और जब वह जोर-जोर से रोने लगता है, चिल्लाने लगता है तो चुप करने की होड लगती है। वैसा ही आभास आपके चित्र से होता है और वर्तमान में आम आदमी की स्थिति भी वैसे ही है। आपने एक चित्र में हजारों बातों को समेटा है।
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लक्ष्मण जी ने बडी सहजता से आज के हालात दर्शाये हैं
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